Diwali known as igas bagwal at uttarakhand इगास-बग्वाल(दिवाली) पर उत्तराखंड की परंपरा

Diwali known as Igas Bagwal at Uttarakhand  इगास-बग्वाल(दिवाली) पर उत्तराखंड की परंपरा

उत्तराखंड की सभ्यता-संस्कृति यहां के रीति-रिवाज और त्योहारों को मनाने का तरीका बेहद ही अनूठा है। दीपावली जिसे हम पहाड़ी में इगास-बग्वाल के नाम से भी जानते हैं का भी प्रदेशवासी बेसब्री से इंतजार करते हैं। क्योंकि इस दिन वह सदियों से चली आ रही परंपरा को आगे बढ़ाते हैं।
प्रदेश में इगास-बग्वाल के दिन भैलो खेलने का भी रिवाज है। जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है। इस दिन का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं, क्योंकि इस दिन वह एक साथ मिलकर भैलो खेलकर या नृत्य कर अपनी खुशी एक दूसरे के साथ बांटते हैं।


Diwali known as Igas Bagwal at Uttarakhand  इगास-बग्वाल(दिवाली) पर उत्तराखंड की परंपरा

भैलो का मतलब एक रस्सी से है, जो पेड़ों की छाल से बनी होती है। बग्वाल के दिन लोग रस्सी के दोनों कोनों में आग लगा देते हैं और फिर रस्सी को घुमाते हुए भैलो खेलते हैं।
यह परंपरा उत्तराखंड के हर कोने में सदियों से चली आ रही है। इस दिन लोग भैलो खेलने के साथ ही उत्तराखंड की लोक संस्कृति में गुम हो जाते हैं। लोग समूहों में एकत्रित होकर पारंपरिक गीतों पर नृत्य करते हैं, जिसकी छटा देखते ही बनती है।
उत्तराखंड, एक ऐसा प्रदेश जहां की संस्कृति कर्इ रंगों से भरी हुर्इ है। जहां की बोली में एक मिठास है। जहां हर त्योहार को अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। इगास-बग्वाल यानी दीपावली भी एक ऐसा ही त्योहार है जो उत्तराखंड की परंपराओं को जीवंत कर देता है।


श्री रामलीला कला समिति की ओर से 21 सितंबर से दून में धूमधाम से रामलीला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव चार अक्तूबर तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी समिति के अध्यक्ष राकेश स्वरूप महेंद्रू ने मंगलवार को पत्रकारों को दी।
उन्होंने कहा कि महोत्सव के अतंर्गत 25 सितंबर को श्री राम विवाह का आयोजन होगा। साथ ही शिवाजी धर्मशाला से दोपहर बाद चार बजे से शोभायात्रा का आयोजन किया जाएगा। दशहरा विजय दशमी के मौके पर 30 सितंबर को शाम 6:30 बजे झंडा साहब बड़ा तालाब पर सेतुबंध स्थापना के साथ लंका दहन और आकर्षक आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा। इसके लिए दो मंजिला भब्य लंका का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए काशीपुर के कारीगर गणेश एवं पार्टी द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि समिति ने कभी भी रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित नहीं किया है।
रामलीला महोत्सव के अंतर्गत तीन अक्तूबर को राज तिजक, चार को रास लीला का कार्यक्रम होगा। इसके लिए रामलीला के निदेशक स्वामी अनिल शर्मा (मथुरा) अपनी पूरी टीम के साथ दून पहुंच रहे हैं। उन्होंने दून के लोगों का आह्रवान करते हुए कहा कि वह महोत्सव में पहुंच कर कार्यक्रम की शान बढ़ाएं। पत्रकार वार्ता के दौरान रविंद्र नाथ मांगलिक, सोम प्रकाश शर्मा, केके शर्मा, अरविंद गोयल, शोमित अग्रवाल, दयाल गुप्ता, हर्ष अग्रवाल, राकेश भंडारी, वेद प्रकाश, अवधेश पंत, राकेश भंडारी, ललित मोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।
डाकरा बाजार स्थित श्री दुर्गा मंदिर के प्रांगण में श्री राम लीला समिति डाकरा बाजार की ओर से 21 सितंबर से रामलीला का आयोजन किया जाएगा। आयोजन 30 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान पहले दिन 21 सितंबर को रात जन्म, ताड़का वध का मंचन होगा। इसके अलावा 25 सितंबर को सीता हरण और 29 सितंबर को राजतिलक का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम रात्री नौ बजे से श्री दुर्गा मंदिर स्थल पर आयोजित होंगे। इस मौके पर श्री रामलीला समिति डाकरा बाजार के प्रधान नीलू कन्नौजिया, उप प्रधान पवन कुमार थापा, गोपाल क्षेत्री, महासचिव शेर बहादुर थापा, विनीत शाही, विमल कुमार, सतीश कुमार थापा सहित दर्जनों सदस्य अपना सहयोग प्रदान करेंगे।










Comments

  1. मैंने कभी इस विषय के बारे में इतना गहराई से नहीं सोचा था। धन्यवाद, आपने मेरी सोच को बदल दिया। यह भी पढ़ें जौ त्यौहार उत्तराखंड

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